November 20, 2010

DISILLUSIONED CITIZENS WAGE WAR ON CORRUPTION IN INDIA

[One of our regulr contributors, Prof. Mukunda Apte  from Mumbai, India today forwarded a link from which two articles have been posted below. We are thankful to Prof. Apte for  his support. These articles have come out  in Bharat Swabhiman Trust, a trust  for self-respect of the people of India. In the first article you may find 'five Indian national illusions' discussed candidly. The foremost  being that India is not a country of lack of necessities or in other words an impoverished one.  The Himalayan Voice firmly believes that India can't be a country of impoverished people. It is a country of rich people. For example  "two Indian big business houses, Tata Groups and Mahindra  Groups have  given $ 60 million gift in total to Harvard University, one of the best learning centers in the world and which, by all accounts, is also the richest university of the world."  Similarly, "a group of more than 150 local businessmen decided to buy, en masse, a Mercedes-Benz car each, spending nearly $15 million in a single day and putting this small but thriving city  of Aurangabad, one of several largely unknown but thriving urban centers across India’s more prosperous states."  The richest man of India Mr. Mukesh Ambani has his own style. In Mumbai, he owns a house of its own story and grandeur, like H. G. Wells' Pearl  of Love.  The Abmani house is said to be billion dollar house. The two emerging Asian powers, India and China, are making  headlines these days. China could flawlessly organize The Olympic Games but India  came down to its knees while organizing the recent Common Wealth Games in New Delhi.  India currently houses 1.15 billion people and which is projected to reach 1.53 billion by 2030 surpassing China, the latter in contrast, by then, will have  1.43 billion at its peak. Chinese people suffer lack of fundamental freedoms. This years' Nobel Prize winner and his  family members will not be visiting Oslo to receive the most coveted prize. They are either imprisoned or house arrested. Contrarily the largest democracy in the world, India suffers rampant corruption since its independence. She is reported to have lost almost half a trillion dollars in illegal capital flows.  Therefore, Yoga Guru  and politician Ram Dev is out in the street, leading disillusioned citizens to wage 'People's War on Corruption'.  Just need to wait and see what happens next in India in months ahead. Editor]

पाँच राष्ट्रीय भ्रम और उनकी वास्तविकता

  
  1. भारत एक गरीब देश है
  2. भारत मे लगभग 5% लोग ही टैक्स भरते है
  3. सब लोग बेईमान है
  4. भ्रष्टाचार नही मिट सकता, भ्रष्टाचारी ही देश पर शासन करेंगें
  5. विदेशी पूंजी निवेश के बिना देश मे विकास एवं रोजगार सम्भव ही नहीं
1. भारत एक गरीब देश है ! कोरा झूठ । 

    तथ्य: भारत दुनिया का सबसे ताकतवर एवं अमीर देश है। यह एक बहुत बडी सच्चाई है की दुनिया के अधिकांश विकसित देशो के लोग कमजोर है परन्तु वहा का नेत्रत्व कायर, बुजदिल एवं भ्रष्ट है तथा कानुन कमजोर है। भारत के स्थानिय निकायो, राज्य सरकारो एवं केन्द्र सरकार का कुल बजट 20 लाख करोड रुपये है। और यह 20 लाख करोड का बजट तो तब है जबकि देश मे चारो तरफ भ्रष्टाचार शिखर पर है। इस देश मेभ्रष्टाचार न हो तो भारत देश का कुल बजट 35-40 लाख करोड हो सकता है। आप ही सोचे आप ही निर्णय करे की क्या एक गरीब देश का इतना बजट हो सकता है। जानबुझकर देश के भ्रष्ट एवं बेईमान नेतओ ने देश को गरीब बनाना हुआ है। देश से यदि भ्रष्टाचार मिट जाए तो देश मे एक भी व्यक्ति बेरोजगार व गरीब नही रह सकता। एक षड्यंत्र के तहत लोगो को बेरोजगार गरीब एवं अनपढ बनाया हुआ है। जिससे की भ्रष्ट शासक देश के गरीब, बेरोजगार, अनपढ एवं अशिक्षित लोगो पर मनमाने ढंग से शासन कर सके अथवा लोकतन्त्र के नाम पर तानाशाही कर सके।



2.  भारत मे लगभग 5% लोग ही टैक्स भरते है! सफेद झूठ्।

    वास्तविकता : भारत मे 100% लोग टैक्स देते है। जो भी देशवासी तन पर दो कपडे ओढता है या साल मे एक दो बार साबून प्रयोग मे लाता है अथवा जूते चप्पल पहनता है अथवा बाजार मे, दुकान पर जाकर वह जीवन की जरुरी प्रयोग की वस्तू आटा, नमक, टूथपेस्ट, तेल, मसाले, कागज, कलम, लोहा, सीमेंट आदि खरीदता है, तो इन सब वस्तुओ पर वह वैट/एक्साइज आदि ड्यूटी भरकर ही दुकानदार से क्रय करता है। एक आम आदमी भी स्टैम्प ड्यूटी, पीने के पानी पर टैक्स, ग्रहकर, सीवेज टैक्स, रोड टैक्स, सर्विस टैक्स, सेल टैक्स अर्थात किसी न किसी प्रकार का टैक्स जीवन भर जरुर देता है, तो क्या यह सफेद झुठ नहीं है की मात्र पाँच प्रतिशत लोग ही टैक्स भरते है! ये झूठा भ्रम/प्रचार एक षड्यंत्र के तहत इसलिए किया जाता है की देश के बेईमान लोग यदि लुटे तो कोई आवाज ना उठाये। उनकी आवाज दबाने के लिए ही यह झूठ बोला जाता है, ताकि जब कोई इन भ्रष्ट बेईमानो से टैक्स मनी के रुप मे दिये गये टैक्स का हिसाब माँगे तो ये भ्रष्ट लोग कह सके की तुम तो टैक्स ही नही देते, तुम हिसाब मांगने वाले कोन होते हो ? 


3.  सब लोग बेईमान है ! सबसे बडा षड्यंत्र ।


    सच्चाई : भारत मे 99% आम व्यक्ति ईमानदार है अथवा ईमानदारी से जीना चाहते है। इस तरह के झूठ को की सब लोग बेईमान हैं, इस तरह फैलाया गया है कि एक देशभक्त, ईमानदार एवं चरित्रवान भारतीय व्यक्ति के मन मे यह भ्रम गहरा हो गया है कि सब बेईमान हैं । अविश्वास गहरा है । जबकि हकीकत यह् है कि भारत के आम जन 99% इमानदार हैं या ईमानदारी से जीना चाहते है और देश के जनप्रतिनिधि अर्थात तथाकथित नेता एम पी, एम एल ए आदि लगभग 99% बेईमान है। इन 99% भ्रष्ट एवं बेईमान नेताओ ने अपनी बेईमानी छुपाने के लिए देश की 99% ईमानदार प्रजा को बेईमान प्रजा कहकर बहुत बडे झूठ के तहत देश के लोगो को झूठा एवं बेईमान बनाने का षड्यंत्र रचा है। जिस दिन देश के यह संवेदनशील, जागरुक, राष्ट्र्भक्त, ईमानदार ये 99% लोग संगठित हो जायेंगे, उस दिन ये 1% बेईमान लोग बेनकाब हो जायेंगे । और भारत बेईमानो का देश नही अपितु ईमानदारो का देश कहलायेगा। 


4. भ्रष्टाचार कभी नहीं मिट सकता, भ्रष्टाचारी ही देश का शासन करेंगे! गहरी साजिश। 


    संकल्प : राष्ट्र्वादी, ईमानदार लोग ही देश पर शासन करेंगे भ्रष्टाचारी लोग ही देश पर शासन करेंगे। यह झूठ भी एक साजिश के तहत बोला जा रहा है। जिससे कि ईमानदार, देशभक्त लोग कभी सत्ता मे नहीं आ सकते। और एक के बाद दूसरा बेईमान सत्ताओ के सिंहासन पर बैठकर बेरहमी एवं बेदर्दी के साथ देश को लुटेगा। इस देश मे देशभक्त, ईमानदार, पढे-लिखे, चरित्रवान एवं जिम्मेदार लोग भी है, जो देश को - भ्रष्टाचार मुक्त, श्रेष्ठ शासन दे सकते है। तो समस्त देशवासियों के मन मे एक सहज प्रश्न उत्पन्न होता है की क्या अच्छे व चरित्रवान लोग संगठित हो पायेंगे ? क्या ईमानदार लोग एम एल ए, एम पी नही बन पायेंगे ? इसका सीधा, स्पष्ट एवं यथार्थ उत्तर है कि देश को नेत्रत्व देने की क्षमता रखने वाले देशभक्त, चरित्रवान लोग तो है लेकिन देशभक्त, चरित्रवान, ईमानदार लोग संगठित नहीं है। जो उनको वोट देकर सत्ताओ के सिंहासन पर पहुँचा सके। 


5.  विदेशी पूंजी निवेश के बिना, न तो देश का विकास संभव है और न ही देश मे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे! एक प्रायोजित झूठ्। 


    विश्वास : संसाधनो का 100% उचित उपयोग होने से होगा राष्ट्र का विकास और नही रहेगा कोई बेरोजगार। यह भी देश को लूटने का एक प्रायोजित झूठ एवं षड्यंत्र है कि विदेशी पूंजी निवेश के बिना देश का विकास नहीं होगा। जबकि हकीकत यह है की देश की पूंजी, भ्रष्टाचार मे बर्बाद नही हो तो देश का एक भी व्यक्ति बेरोजगार नही रहेगा एवं यदि बेईमान लोगो के पास पूंजी जमा न हो करके जब देश के ढांचागत विकास एवं व्यवसाय लगेगी तो देश मे इतनी स्म्रध्दि आयेगी कि हम दूसरे देशो को पैसा ब्याज पर देने की स्थिति मे होंगे। और भारत विश्व की सबसे बडी आर्थिक महाशक्ति के रुप मे सम्मान के साथ खडा हो जायेगा। 

Five National Illusions and Facts Behind



भ्रष्टाचार के खिलाफ जनयुद्ध
  

नई दिल्ली (एसएनबी)। देश के इतिहास में पहली बार देश की आम जनता ने घष्टाचार के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है। राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर हजारों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करके घष्टाचार के मुद्दे पर कानों में तेल डाले बैठी केंद्र सरकार को जगाने की कोशिश की। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला और कामनवेल्थ गेम्स घोटाला जैसे तमाम घोटालों पर देश की सरकार द्वारा कोई स्पष्ट कार्रवाई की रणनीति न अपना कर ढुलमुल रवैया अपनाने के खिलाफ रविवार को प्रमुख सामाजिक संगठनों ने जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया।

इस विरोध प्रदर्शन से किसी भी राजनीतिक दल को दूर रखा गया था, इसके बावजूद (20,000) हजारों की संख्या में महिलाओं, स्कूली बच्चों, पुरुषों और इन्होंने पूरे जोश के साथ इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेकर सिस्टम के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। हर प्रदर्शनकारी के हाथ में बैनर, पोस्टर व तख्तियां थीं, जिनमें घष्टाचारियों के खिलाफ लिखे स्लोगन केंद्र सरकार की सोयी आत्मा को झकझोर रहे थे। मंच पर योग गुरु स्वामी रामदेव जी , पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, सर्वधर्म संसद के अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल सहित कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग मौजूद थे।

रैली को संबोधित करते हुए स्वामी रामदेवजी ने कहा कि जब भ्रष्ट लोग मिलकर देश को लूट रहे है तो ऐसे में अब श्रेष्ठ लोग मिलकर देश को बचाने की पहल कर रहे है। यह रैली इसी पहल का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत को लूटने का सिलसिला प्राचीन काल से चल रहा है। पहले आक्रमणकारियों व अंग्रेजों ने लूटा और अब नेता देश को लूट रहे है और देश का धन स्विस बैक में जमा करा रहे है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक पिछले 64 वष्रो में लगभग 300 लाख करोड़ रुपए देश के बाहर भेजे गए है। घष्टाचारियों के खिलाफ यह तो शुरुआत है। आगे-आगे देखिये होता है क्या। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक राजा ने 1 लाख 76 हजार करोड़ का 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला किया जबकि देश के इस सड़े-गले सिस्टम में राजा जैसे कई और राजा-रानी और राजकुमार बैठे है जो देश को बेचे डाल रहे है। 

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुई इस लड़ाई को आजादी की दूसरी लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में जीतना है तो सरकार गिराने की ताकत पैदा करनी होगी। उन्होंने युवाओं से चरित्र निर्माण का आह्वान किया। शिया धर्मगुरु सैय्यद रुशैद कल्बे रिजवी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में सहभागी होने का ऐलान करते हुए कहा वह केवल तस्वीर खिंचाने के लिए इस मंच पर नहीं आए, बल्कि वह इस लड़ाई में जान देने को भी तैयार है। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा कि कॉमनवेल्थ परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के नाम पर जो जांच शुरू की गई है वह केवल एक धोखा है। स्वामी अगिवेश जी ने कहा कि यह जनयुद्ध अब थमेगा नहीं। अरविंद केजरीवाल ने कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए घोटालों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। गेम्स में भ्रष्टाचार के आरोपितों के खिलाफ शिकायत दर्ज : भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के आह्वान पर लगभग एक दर्जन संगठनों ने रविवार को कॉमनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार के आरोपितों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस नामजद शिकायत में शिकायतकर्ता के रूप में योग ऋषि स्वामी रामदेव जी सहित देश में घष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे लगभग एक दर्जन लोगों ने हस्ताक्षर किए है। 

इस शिकायत में खेल फेडरेशन के अध्यक्ष माइकल फेनेल, सीईओ माईक हूपर, मंत्री समूह के प्रमुख व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एसज़यपाल रेड्डी और खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी को नामजद करते हुए कई सबूत भी उनके खिलाफ दिए गए है। शिकायतकर्ता के रूप में स्वामी रामदेव जी के अलावा पूर्व आईपीएस अधिकारी डा. किरण बेदी, अन्ना हजारे, सर्व धर्म संसद के अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, कल्चरल एक्टिविस्ट मल्लिका साराभाई, शिया धर्मगुरु सैयद रूशैद कल्बे रिजवी, कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीएस तेवतिया ने हस्ताक्षर किए है। एक दर्जन सामाजिक संगठनों ने किया घष्टाचार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान जंतर-मंतर पर घष्टाचार के खिलाफ जनयुद्ध का ऐलान करते स्वामी रामदेव व अन्य (बाएं)। इस दौरान उमड़ा विशाल जनसमूह।

Peoples' War on Corruption